मेरी तमन्नाओ की टूटी हुई मिसाल है
जिंदगी मेरा बिछाया हुआ जाल है
मैं खुद की फोटोकॉपी होकर रह गया हूँ
किसी और के शरीर पर मेरी खाल है
मानस
Friday, August 28, 2009
Tuesday, May 26, 2009
एक एक घडी कैसे कटती है.......
एक एक घडी कैसे कटती है जानता हूँ
तेरे लिए अब भी सिसकता हूँ दुआ मांगता हूँ
मुझे रौशनी और अंधेरों मे फर्क नहीं मालूम
अब मैं चौखट पर बिना जले दीये टांगता हूँ
तेरी यादों से अब काम नहीं बनता
हर एक मे तेरा ही अक्स छानता हूँ
मुझे मालूम है कोई तेरे जैसा नहीं है
मुझे मालूम है पर नहीं मानता हूँ
मुझे मालूम है दुनिया बदल जानी है
मैं हर किसी का चेहरा जानता हूँ
मुझे हर खेल की हकीकत मालूम है
मुझे मालूम है पर नहीं मानता हूँ
मानस भारद्वाज
तेरे लिए अब भी सिसकता हूँ दुआ मांगता हूँ
मुझे रौशनी और अंधेरों मे फर्क नहीं मालूम
अब मैं चौखट पर बिना जले दीये टांगता हूँ
तेरी यादों से अब काम नहीं बनता
हर एक मे तेरा ही अक्स छानता हूँ
मुझे मालूम है कोई तेरे जैसा नहीं है
मुझे मालूम है पर नहीं मानता हूँ
मुझे मालूम है दुनिया बदल जानी है
मैं हर किसी का चेहरा जानता हूँ
मुझे हर खेल की हकीकत मालूम है
मुझे मालूम है पर नहीं मानता हूँ
मानस भारद्वाज
Friday, May 1, 2009
ज़माने का ये सवाल मंहगा है
ज़माने का ये सवाल मंहगा है
तुमसे इश्क का मलाल मंहगा है
हमने मजबूरी मे चाँद बेचा है
तुम्हे भुलाने का ख्याल मंहगा है
मानस भारद्वाज
तुमसे इश्क का मलाल मंहगा है
हमने मजबूरी मे चाँद बेचा है
तुम्हे भुलाने का ख्याल मंहगा है
मानस भारद्वाज
Thursday, April 16, 2009
Tuesday, April 14, 2009
दुनिया का रूप बदल लेते हैं
दुनिया का रूप बदल लेते हैं
ख़ुद का स्वरुप बदल लेते हैं
मुझे तुमसे मोहब्बत है
यही आखिरी सच है
वरना लोग तो घरों मे
आईने लगा लेते हैं
सूरज की धूप बदल लेते हैं
कुछ लोग जिंदगी मे जंगली घास उगने देते हैं
और कुछ लॉन की दूब बदल लेते हैं
कुछ रिश्तो की आजमाइश मे लगे रहते हैं
और कुछ घरों के संदूक बदल लेते हैं
दुनिया का रूप बदल लेते हैं
मानस भारद्वाज
ख़ुद का स्वरुप बदल लेते हैं
मुझे तुमसे मोहब्बत है
यही आखिरी सच है
वरना लोग तो घरों मे
आईने लगा लेते हैं
सूरज की धूप बदल लेते हैं
कुछ लोग जिंदगी मे जंगली घास उगने देते हैं
और कुछ लॉन की दूब बदल लेते हैं
कुछ रिश्तो की आजमाइश मे लगे रहते हैं
और कुछ घरों के संदूक बदल लेते हैं
दुनिया का रूप बदल लेते हैं
मानस भारद्वाज
Tuesday, March 31, 2009
कुछ उदास से
कुछ उदास से नज़र आते हो तुम
मेरी खामोशियों पे छा जाते हो तुम
बहुत खामोशी है तुम्हारी आँखों मे
आवाज क्या आँसूओ मे बहाते हो तुम
मानस भारद्वाज
मेरी खामोशियों पे छा जाते हो तुम
बहुत खामोशी है तुम्हारी आँखों मे
आवाज क्या आँसूओ मे बहाते हो तुम
मानस भारद्वाज
Tuesday, March 24, 2009
चाँद भरी दुपहरी मे कई बार निकलता है
चाँद भरी दुपहरी मे कई बार निकलता है
एक लड़की उसको देख आँखें मलती है
सूरज उसको टूक टूक देखा करता है
ऐसे ही तो सारी दुनिया चलती है
उसके न होने से कुछ नहीं बिगड़ता है
पर कुछ बात है जो मुझको खलती है
ये बात सच है सबको कड़वी लगती है
जाने क्यों रातो मे एक बस्ती जलती है
कौन ध्यान देगा बड़ी बेनाम सी बातें हैं
कहने को तो सारी बातें आम सी बातें हैं
सुना है एक शख्श बिलकुल मेरे जैसा है
अभी भी एक लड़की एक लड़के पर मरती है
मानस भारद्वाज
एक लड़की उसको देख आँखें मलती है
सूरज उसको टूक टूक देखा करता है
ऐसे ही तो सारी दुनिया चलती है
उसके न होने से कुछ नहीं बिगड़ता है
पर कुछ बात है जो मुझको खलती है
ये बात सच है सबको कड़वी लगती है
जाने क्यों रातो मे एक बस्ती जलती है
कौन ध्यान देगा बड़ी बेनाम सी बातें हैं
कहने को तो सारी बातें आम सी बातें हैं
सुना है एक शख्श बिलकुल मेरे जैसा है
अभी भी एक लड़की एक लड़के पर मरती है
मानस भारद्वाज
Wednesday, February 18, 2009
Saturday, January 31, 2009
तू जेहर के प्याले मे अमृत भर दे
तू जेहेर के प्याले मे अमृत भर दे
तू एक बार मुझे छू ले अमर कर दे
मैं अपने लिए कुछ ज्यादा नही चाहता
दो पल सुख से जी लूँ ऐसा घर भर दे
मैं तमाम उम्र उजालों मे रहूँगा
मैं जितना रोया उतनी रौशनी कर दे
मैं अब मोहब्बत की बातें भी नही करता हूँ
कोई मेरा ये दर्द समझे इसे कम कर दे
मानस भारद्वाज
तू एक बार मुझे छू ले अमर कर दे
मैं अपने लिए कुछ ज्यादा नही चाहता
दो पल सुख से जी लूँ ऐसा घर भर दे
मैं तमाम उम्र उजालों मे रहूँगा
मैं जितना रोया उतनी रौशनी कर दे
मैं अब मोहब्बत की बातें भी नही करता हूँ
कोई मेरा ये दर्द समझे इसे कम कर दे
मानस भारद्वाज
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