Thursday, April 17, 2008

मन अनुरागी तन बैरागी

मन अनुरागी तन बैरागी ये कोरी दुनियादारी हैं
कुछ उनका भोलापन हैं कुछ सीधे सीधे लाचारी हैं

सीधी राहें पकड़ के चलना सबके बस कि बात नहीं
हमसे पूछो टेडी दुनिया में सीधा चलना कितनी बड़ी फनकारी हैं

आखिर दुनिया तूने हमको फसा ही डाला जाल में अपने
दिल अब उनसे मिलाते हैं जिनसे हाथ मिलाना भी भारी हैं

ख्वाब हमारे उसके वास्ते हैं जिससे कोई रिश्ता नहीं हैं
और जिनसे दुश्मनी होनी थी उनसे हमारी यारी है

---मानस भारद्वाज

ये ग़ज़ल निदा फाजली साहब की ग़ज़ल से प्रेरणा प्राप्त कर लिखी गई हैं ...

3 comments:

Anonymous said...

great yaar
good work
bahut shandar likhta hai tu
keep it up

nitingupta said...

http://www.nitindewas.blogspot.com/


bahut achcha likhte ho dost

Unknown said...

aap ne nida fajli ki gazal ki durgati katdi matraye bhi gadbad hai