दर्द मुस्कराया इस तरह जिंदगी बट गयी खैरात मे
आधा वक़्त गुजरा तेरे साथ मे आधा तेरी याद मे
मैंने हर आंसू से एक मोती चुनकर सजा दिया
हर सुबह का समझोता हुआ हैं शाम से बात बात मे
मानस भारद्वाज
Monday, September 22, 2008
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2 comments:
[b]Dard Muskaya is Tarah Zindagi Bant Gai Kahirat me............ Kya Khub Likha hai Aapne................ Likhate Rahiye......... Meri Shubhakamanaye Aapke Sath Hai.... [:)][/b]
दर्द मुस्कराया इस तरह जिंदगी बट गयी खैरात मे
आधा वक़्त गुजरा तेरे साथ मे आधा तेरी याद मे
wah kya baat hai!
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