Sunday, June 25, 2017

किसान मर रहे हैं , cm उपवास कर रहे हैं




किसान मर रहे हैं , cm उपवास कर रहे हैं
सूखे चूल्हों पर पानी उबल रहे हैं
भगवान् जी क्रोधित हैं
धरती के गालों पर ओले मल रहे हैं
हरे खेत लाल रंग में ढल रहे हैं
किसान मर रहे हैं , cm उपवास कर रहे हैं
बड़े-बड़े announcement हो रहे हैं
लाउड स्पीकर और टेंट वालो के बिल बढ़ रहे हैं
संसद से सड़क तक हो हल्ला है
टीवी चैनल पर मसाला है
अखबार नये विज्ञापन कर रहे हैं
किसान मर रहे हैं , cm उपवास कर रहे हैं
हर और खेल तमाशा है
कल से आज और ज्यादा है
बड़े-बड़े आफिसो में हसी ठठाके चल रहे हैं
मंत्री जी अनाज महंगा कार सस्ती कर रहे हैं
सैंडविच खाने वाले मुल्क की
तरक्की की बात कर रहे हैं
फाके करने वाले फाके कर रहे हैं
किसान मर रहे हैं , cm उपवास कर रहे हैं
उस पर भी सवाल है
ये गुस्सा क्यूँ है ?
जब बिजली मिल रही है तो
आईपॉड चलाओ गाने सुनो
हँसो खाओ
नशा करो जियो जियो
अभी तो तुम जवान हो
बीयर पीयो
सिर्फ किसान ही तो मर रहे हैं
मानस भारद्वाज

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